आज आप सबको एक हकीकत से रूबरू कराता हूँ -
वैसे तो वनरक्षक का पद Non-Technichal पोस्ट है, भर्ती नियम के अनुसार वनरक्षक पद हेतु शैक्षणिक योग्यता केवल Highschool अर्थात 10वीं ही है और वेतनमान भी तृतीय चतुर्थ श्रेणी का ही है। छठवें वेतन आयोग के अनुसार वनरक्षक पद का वेतनमान 2750+1800 ही है जो कि प्रदेश स्तर में किसी भी विभाग में सबसे निम्न है और सुनिये ड्यूटी भी 24 घंटे वो भी बिना परिवार के छोटे से गांव में जंगल के किनारे जहाँ न तो अस्पताल है, न बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल सबसे बदतर तो ये है कि नाकों में बिजली तक नहीं है। इसके बाबजूद हमें न तो यात्रा भत्ता मिलता है और न ही कोई वाहन, खुद के वाहन में शासकीय कार्य के लिए पानी की तरह पेट्रोल बहाना। दिन भर आप कर्तव्य पर है लेकिन रात में अगर आप 1 घंटे के लिए कहीं खाना खाने या सब्जी लेने या किसी काम से गये और अगर इसी बीच किसी अधिकारी का अचानक दौरा हुआ तो आप निश्चित रूप से अनुपस्थित कर दिए जाएंगे।
अब सुनिये उस 1 घंटे की कीमत आपको महीने भर की वेतन गवां कर चुकानी पड़ती है और अपनी खुद की वेतन के लिए कितने चक्कर काटने पड़ते है तब जा कर कही 3-4 महीने के बाद वेतन मिलती है, तब तक आपके परिवार का पूरा बजट बिगड़ जाता है ऊपर से उधारी का बोझ। इन सबके बावजूद भी अधिकारियों द्वारा हमें जलील किया जाता है, बात बात पर बीट निरीक्षण और मुख्यालय पर न मिलने पर वेतन रोकने की धमकी दी जाती है। कर्तव्य के दौरान आप पर कोई हमला हो जाये या किसी से झड़प या गली गलौच हो जाये तो कोई भी अधिकारी आपका साथ नहीं देता FIR दर्ज कराने हेतु भी खुद जाना पड़ता है, विभाग द्वारा कोई पत्राचार तक नहीं किया जाता पुलिस विभाग से, इसका उदाहरण इस वर्ष की ऐसी कई प्रमुख घटनाएँ हैं।
इस कहानी का तीसरा हिस्सा तो अब चालू हो रहा है। ध्यान दीजियेगा। इतनी ज़िल्लतों के बावजूद भी हम खुशी खुशी नौकरी कर रहे हैं। रोज नए नए नियम जैसे NOTECAM पे फ़ोटो, PATROLING APP, GPS, KML फ़ाइल, PDA SURVEY, GEO MAPPING, MOBILE MAPPER, वन अधिकार सर्वे, वन मित्र App ये सारे technichal कार्य हमसे लिए जा रहे है वो भी बिना किसी भत्ते के। यही सारे काम पटवारी करता है और उसका ग्रेड पे 2800 है और विभाग के अधिकारी हमसे ये काम 1900 ग्रेड पे देकर ही ले रहे है।
मतलब साफ है बिना किसी वेतनवृद्धि के हम पर दबाब बनाकर हमसे सारे कार्य मुफ्त में लिए जा रहे है Non-Technical कर्मचारी से फ्री में Technical कार्य लिए जा रहे हैं और जब हम बिना किसी शिकायत के यही सारे काम खुशी खुशी कर रहे हैं तो कोई क्यूँ हमारी शुध लेगा।
दिक्कत इस बात की है कि तकलीफ सबको है लेकिन कोई विरोध नहीं करना चाहता। बहुत सी ऐसी बातें है जो इस विभाग में बहुत सामान्य है जिसे सभी जानते है लेकिन उनका जिक्र यहाँ नहीं किया जा सकता। सभी ये तकलीफ झेल रहे है लेकिन कोई एकजुट नहीं होना चाहता। कब तक हम एकजुट नहीं होंगे ऐसी यातनाएँ झेलते रहेंगे। इसका उदाहरण आप अन्य कर्मचारी संघ से ले सकते हैं जो एकजुट रहकर अपनी मांगों को शासन के समक्ष सही तरीके से रखकर उनमें से काफी मांगों पर शासन से सहमति उपरांत आदेश भी कराया है, इसलिए आपसे निवेदन है अपनी तकलीफ को संघ के माध्यम से रखें एवं खुद को और संघ को मजबूत बनाने हेतु साथ रहे एकजुट रहे।
जय हिंद जय वन जय भारत।
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